बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई : सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के गले का कंठ फुट गया।परमबीर सिंह ने लंबे अरसे बाद न सिर्फ अपनी चुप्पी तोड़कर खुद की देश में मौजूदगी का खुलासा किया बल्कि मुंबई पहुँचकर क्राईम ब्रांच के सामने अपनी हाजिरी भी दर्ज करा दी।सिंह ने मुंबई के कांदिवली क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पेश होकर अपनी सफाई पेश की। सबसे पहले सिंह ने अक्टूबर से अपनी फरारी की वजह बताई।देखा जाए तो कोर्ट द्वारा संपत्ति की जब्ती का आदेश दिए जाने के बाद परमबीर सिंह की चुले हिल गई और वो न सिर्फ अपनी मौजूदगी का।अहसास कराने लगे बल्कि पुलिस जांच में सहयोग को भी आ गए।दो दिन पहले ही मुम्बई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने परमबीर सिंह के मुम्बई के दोनों घर के दरवाजों पर घोषित अपराधी
का नोटिस चिपकाया था। चस्पा किए गए इस नोटिस में परमबीर सिंह को 30 दिन के भीतर जांच एजेंसी या फिर अदालत के सामने हाजिर होने को कहा गया था।
सिंह ने कहा है कि उन्हें न्याय पालिका पर पूरा विश्वास है।इससे पहले खामोशी की चादर में दुबके बैठे सिंह ने इस बात का खुलासा किया था कि वो इस वक्त चंडीगढ़ में है।सिंह ने कानूनी शिकंजे से बचने के लिए यह भी कहा था कि वो मुंबई पहुंचकर पुलिस को जांच में सहयोग करेंगे।महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बगावत का रुख अख्तियार करने वाले पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ मुंबई और ठाणे में 5 केस दर्ज है।ऐसे में परमबीर सिंह की याचिका पर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट से सिंह को राहत मिलने के बाद उन्होंने अपने ठिकाने का खुलासा कर मुंबई भी पहुँच गए है।देखा जाए तो पूर्व कमिश्नर सिंह पर जबरन वसूली समेत कई केस दर्ज है।पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपनी दलील में बताया है कि उन्हें राजधानी मुंबई में जान का खतरा है।जिसके बाद कोर्ट ने सिंह के इस बात पर हैरानी जाहिर कि एक बड़े पुलिस अधिकारी को मुंबई आने जाने रहने में डर लगता है।
परमबीर सिंह करीब 7 महीने छिपे रहने के बाद मुंबई पहुंचे है।मुंबई की कोर्ट से 100 करोड़ की वसूली के मामले में सिंह भगोड़ा घोषित हो चुके है।
देखा जाए तो कोर्ट ने परमरबीर सिंह की गिरफ्तारी पर कोर्ट लगा दी थी।जिसके बाद सिंह ने सामने आकर बयान दिया कि वो चंडीगढ़ में है और कोर्ट के आदेश के हिसाब से आगे बढूंगा।पुलिस जांच से बचते हुए परमबीर 7 महीने से लापता रहे जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार मांग पर मुंबई की एक कोर्ट ने परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया है।
मुंबई पुलिस ने हाल ही में मुंबई की एस्प्लेनेड कोर्ट में परमबीर सिंह को भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए आवेदन दिया था।जिसके कोर्ट ने स्वीकार करते हुए परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया पूरे मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने ये कहते हुए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी परमबीर सिंह को ‘‘फरार घोषित’’ किए जाने का अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका पता नहीं लगाया जा सका है।
परमबीर सिंह पर जबरन उगाही करने के आरोप है।22 जुलाई को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था।आरोप है कि आरोपितों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही की।
परमबीर सिंह पर जबरन उगाही करने के आरोप है। 22 जुलाई को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह समेत पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था।आरोप है कि आरोपितों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही को।अंजाम दिया था।
परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के आरोप लगाए थे।इसके बाद जहां देशमुख की कुर्सी चली गई और वो जांच का सामना कर रहे हैं, वहीं परमबीर सिंह पर भी बाद में जबरन वसूली का केस दर्ज हो गया।फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह के अर्जी पर उनकी गिरफ्तारी किये जाने पर रोक लगा रखी है।
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