बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई : महाराष्ट्र मुंबई में सीजीएसटी कमिश्नरेट द्वारा 70 करोड़ रुपये के जीएसटी से जुड़े एक नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट रैकेट का खुलासा किया गया है। जानकारी के मुताबिक जांच में पाया गया है कि मुंबई से सटे नवी मुंबई शहर में इस नेटवर्क ने बिना किसी माल की आपूर्ति के 385 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी चालान जारी कर फर्जी कार्य को अंजाम दिया था।फर्जी टैक्स मामले में 14 से अधिक व्यावसायिक संस्थाएं भी शामिल बताई जा रही है।जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि फर्जीवाड़े का ये नेटवर्क मुंबई, नवी मुंबई, रायगढ़, ठाणे, पुणे और नागपुर तक फैला हुआ है।इस मामले में सूचना के आधार पर सेंट्रल इंटेलिजेंस यूनिट, मुंबई सीजीएसटी जोन की सख्त कार्रवाई के बीच दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया है।बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए व्यापारियों में से एक आरोपी मैसर्स ओमनीपोटेंट इंडस्ट्रीज लिमिटेड का निदेशक है, जिसके द्वारा हाल ही में एक सार्वजनिक निर्गम जारी किया गया है जबकिं दूसरा मैसर्स श्री बिटुमैक्स ट्रेडिंग का मालिक बताया जा रहा है।
दरअसल वस्तु और सेवा कर अधिकारियों ने मुबई से सटे शहर नवी मुंबई में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का काम करने वाली फर्मों के एक रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए मामले से जुड़े दो बड़े व्यपारियो को गिरफ्तार किया है। जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है इस मामले में कि कर धोखाधड़ी की जांच को और तेज किया जायेगा, ताकि ऐसे फर्जी मामले का खुलासा किया जा सके।कर चोरी मामले में सूचना के आधार पर दो फर्मों के मालिकों को गिरफ्तार किया गया।दोनों पर आरोप है कि लंबे समय ये फेरस कचरे और स्क्रैप के व्यापार के बीच कर चोरी को अंजाम देते थे।इस मामले में मंत्रालय ने कहा कि गिरफ्तार फ़र्मो के मालिक कथित तौर पर सीजीएसटी अधिनियम 2017 (CGST Act 2017) के प्रावधानों का उल्लंघन कर धोखाधड़ी से वस्तु या सेवाओं को प्राप्त किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट का लंबे समय से फायदा उठाते रहे है।
बताया गया है कि दोनों संस्थाएं बिटुमेन, डामर, ऑयल शेल और टार सैंड आदि में व्यापार के लिए जीएसटी के साथ पंजीकृत होने के साथ ही 20.75 करोड़ रुपये और 11.31 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का धोखाधड़ी से लाभ उठाने और पारित करने में लिप्त थी।वही ये दोनों फर्म सीजीएसटी अधिनियम 2017 के प्रावधानों के उल्लंघन में, माल या सेवाओं को प्राप्त किए बिना, गैर-मौजूदा फर्म से नकली आईटीसी का लाभ उठा रही थीं और इस शातिर नेटवर्क की अन्य फर्म को दे रही थीं।इनसे जुड़ी हुई अन्य 12 फर्म ने भी 38 करोड़ रुपये की नकली आईटीसी का लाभ उठाया है।
खुलासे के बीच इस फर्जी क्रेडिट रैकेट में 14 से ज्यादा बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन शामिल हैं। जिनका नेटवर्क मुंबई, नवी मुंबई, रायगढ़, ठाणे, पुणे और नागपुर जैसे अन्य शहरों तक फैला हुआ हैं। इनके द्वारा काम बिना किसी माल की सप्लाई के 385 करोड़ रुपए से ज्यादा के फर्जी चालान जारी किए गए थे।देखा जाए तो यह ऑपरेशन सीजीएसटी मुंबई जोन द्वारा शुरू किए गए विशेष कर चोरी विरोधी अभियान का एक हिस्सा है।इस विशेष अभियान में, अधिकारियों का एक प्रशिक्षित समूह नकली आईटीसी नेटवर्क और कर चोरी के संभावित मामलों की पहचान करने के लिए डेटा एनालिटिक्स और नेटवर्क विश्लेषण टूल का उपयोग कर रहा है। इस चार महीने पुराने अभियान के दौरान 500 से अधिक कर चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 40 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसके बाद लगभग 4550 करोड़ रुपये की कर चोरी के साथ साथ 600 करोड़ रुपये का कर वसूल किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि ये दोनों फर्म फर्जी संस्थाओं से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रही थीं और इस नेटवर्क की अन्य संस्थाओं को दे रही थीं। गिरफ्तार लोगों को एक पखवाड़े की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अधिकारियों ने इस मामले में 22 करोड़ रुपये की टैक्स क्रेडिट संबंधी गड़बड़ियों का पता लगाया है।इस मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69 के तहत धारा 132 के उल्लंघन के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।जहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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