मुंबई : कहते हैं पढ़ने लिखने की कोई उम्र नहीं होती जोश और हौसला हो तो किसी भी उम्र में इंसान पढ़ सकता है कमरुन्निसा सईद उर्फ़ चच्ची चौथी पास जिन्होंने 65 साल की उम्र में यह कर दिखाया पढ़े लिखे न होने की वजह से कभी चच्ची चौथी पास कही जाने वाली 65 वर्षी कमरुन्निसा सईद मात्र चौथी पास थी लेकिन अच्छे अच्छे पढ़े लिखों को अपनी चतुराई से मात देते नज़र आईं उन्हीं मात खाने वालों में उनके भतीजे इम्तियाज़ और खालिद हैं जिन्होंने चच्ची से बगावत की जिसके बाद चच्ची ने उन्हें धूल चटा दी।
दरअसल चच्ची चौथी पास की दास्तां सब से पहले Bombay Leaks ने प्रकाशित की जिसके बाद चौथी पास वाली बात चच्ची कमरुन्निसा सईद के दिल में लग गई और उन्होंने चौथी पास का टैग निकालने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी शुरु कर दी पहले ओपन यूनिवर्सिटी ने चच्ची ने ग्रेजुएशन किया और बाद में मुंबई यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में डिप्लोमा कर रही हैं।
हालांकि पूरी जवानी में चच्ची ने भतीजों की और अपने घर वालों की बंदिशों के चलते कभी बाहर नहीं निकल पाईं जिसकी वजह से वह पढ़ाई नहीं कर सकीं लेकिन अपनी सोच को उर्दू टाइम्स में प्रकाशित करने के लिए वह किसी न किसी से लेख लिखवा कर खुद के नाम से हमेशा प्रकाशित करती रहीं इसी लिए यब बात समझ से परे है कि जिसे लिखना पढ़ना नहीं आता उसने आखिर ग्रेजुएशन कैसे किया क्या चच्ची की कॉपी किसी ने लिखी है या वह नकल कर के पास हुईं।
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