बॉम्बे लीक्स,पंजाब
चंडीगढ़ : पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सियासी बाजारों में जारी कांग्रेस पार्टी में वापसी करने के मुद्दे पर अपनी बात रख दी है।कैप्टन के कांग्रेस में वापसी का मुद्दा ऐसे समय में सुर्खियां बना जब एक निजी टेलीविजन चैनल के सर्वे में पाया गया है कि भाजपा यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पंजाब में चुनावी ताल ठोकती है तो उसे सियासी फायदा कम नुकसान ज्यादा उठाना पड़ सकता है।
कैप्टन ने कांग्रेस से अपना सदियों पुराना रिश्ता खत्म करते हुए अपने नए दल पंजाब लोकदल कांग्रेस बनाकर राजनीति की सियासत में एक नई बिसात चल दी है।जिसके बाद कयास लगने लगे तो भाजपा और कैप्टन आगामी चुनाव में एक साथ आ रहे है।कैप्टन ने भी भाजपा के साथ समझौता को कभी नकारा नही।जानकारो के मुताबिक किसान आंदोलन का मुद्दा हल कराकर कैप्टन भाजपा के साथ चुनाव में गठबंधन करने का सियासी समीकरण रच चुके थे।लेकिन इसी बीच एक निजी चैनल के सर्वे में पाया गया है कि यदि भाजपा कैप्टन की पार्टी के साथ गठबंधन करती है तो पंजाब चुनाव में भाजपा को फायदा मिलता नजर नही आ रहा है।अलबत्ता सियासी जमीन पर भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।जिसके बाद पंजाब सरकार की तरफ से इस बात की हवा दे दी गई कि कैप्टन सोनिया और राहुल से मुलाकात करने वाले है। इधर कैप्टन की सोनिया और राहुल से मुलाकात की अटकलें जोर पकड़ने लगी।जिसके बाद कैप्टन ने सामने आकर कांग्रेस में वापसी किये जाने की आवाज़ पर अपनी बात रख दी है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस में वापसी की संभावना को सिरे से नकार दिया है।पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस में लौटने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि पीछे मुड़कर देखने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।साफ किया कि यह बेहद दुर्भावनापूर्ण और शरारती कयास लगाए जा रहे है। जो कि प्रत्यक्ष तौर पर गलत इरादे रखते है।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपनी पार्टी को आकार दे रहे हैं और संगठनात्मक ढांचे को अंतिम रूप दे रहे है।हम भारत के चुनाव आयोग द्वारा अपनी पार्टी, पंजाब लोक कांग्रेस के पंजीकरण और पार्टी के प्रतीक के आवंटन की प्रतीक्षा कर रहे है।उन्होंने कहा कि उनके कभी पीछे मुड़कर देखने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए है।लेकिन इस बात का भारतीय जनता पार्टी को कोई खास फायदा होता दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि अमरिंदर सिंह का अलग होना कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है।भारतीय चैनल एबीपी न्यूज ने सी वोटर के साथ मिलकर पंजाब विधानसभा चुनाव पर सर्वे किया है। इस सर्वे में सामने आई राय के मुताबिक 65 फीसदी लोगों को मानना है कि अमरिंदर सिंह को साथ लेने के बीजेपी को फायदा नहीं होगा। 35 फीसदी लोगों ने कहा है कि अमरिंदर का साथ बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है।
दरअसल पंजाब की सियासत ये चर्चा उस वक्त तेज हुए जब चन्नी सरकार से मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कांग्रेस में वापसी को लेकर दावा किया गया।शुरुआती सियासी पटल का रुख करें तो पंजाब कांग्रेस के सियासी दंगल के बीच कुछ समय पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।कांग्रेस छोड़कर वे नई पार्टी बना रहे है।इस बीच अमरिंदर सिंह ने आज राज्य सरकार के एक मंत्री द्वारा किए गए उन दावों को खारिज कर दिया कि वह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और पार्टी में लौट आएंगे। सिंह ने कहा, “ये दुर्भावनापूर्ण और बेतुकी धारणाएं हैं जो जाहिर तौर पर एक गलत मकसद से बनाई गई हैं।
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