शाहिद अंसारी
मुंबई: 17 जून को Bombay Leaks में प्रकाशित स्कॉटलैड यार्ड (मुबंई पुलिस) के नागपाड़ा पुलिस थाने की हद में वसूली की डायरी रखने की ख़बर प्रकाशित की जिसके बाद मामले में
जोन 3 के ईमानदार डीसीपी अखिलेश सिंह ने जांच के आदेश जारी किए हैं।चौंका देने वाली बात यह है कि इस मामले में ज़ोनल डीसीपी और सीनियर पीआई नागपाड़ा दोनों ने पुलिस वालों के ज़रिए वसूली की इस हरकत पर चुप्पी साध ली है।आज मामले में ज़ोन 3 के जीसीपी अखिलेश सिहं से जब बात की गई तो अखिलेश सिंह ने पहले के दिए गए अपने बयान से मुकर गए उन्होंने कहा कि वसूली पर कार्रवाई को लेकर उन्होंने कभी कोई बात ही नहीं की जबकि सच्चाई यह है कि वसूली की ख़बर लिखने से पहले उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया गया और उन्होंने वसूली की डायरी की कॉपी की भी मांग की ताकि वह कार्रवाई कर सकें लेकिन जब बात मुंबई सीपी के कानों तक पहुंची तो वह भी इस मामले में कन्नी काटते नज़र आए जबकि दबंग सीनियर पीआई संजय बस्वत का अबतक कहना है कि उन्हें पता ही नहीं है कि इस तरह की वसूली उनके पुलिस थाने के पुलिसकर्मी करते हैं।
वसूली की डायरी बाहर आने के बाद भले ही वरिष्ठ अधिकारी को यह जानकारी न हो और वह कन्नी काट रहे हैं लेकिन यह बात साफ हो जाती है कि पुलिस विभाग में भले ही पुलिसकर्मी विशेष रूप से नागपाड़ा की जनता की शिकायत का हिसाब किताब रखते हैं या नहीं लेकिन अपने द्वारा वसूली का हिसाब किताब ज़रूर रखते हैं क्योंकि इस वसूली के दलदल में वसूली करने वाले भले ही मामूली हवलदार हों लेकिन वसूली की यह मलाई अदना से आला हर एक तक पहुंचती है इसलिए काली कमाई में पुलिस वाले बेईमानी न कर सकें इसलिए वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में उसका हिसाब किताब रखा जाता है।अब मुबंई डीसीपी ने इस मामले में जांच के आदेश जारी किए हैं तो ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि क्या वसूली का यह हिसाब किताब बंद किया जाएगा या इसके तरीके बदले जाऐंगे।
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