मुबंई: महाराष्ट्र फिंगर प्रिंट्स बयुरो के लिए अब फैक्टस-9 खरीदा जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने पास किया है जिसका जायज़ा महाराष्ट्र फिंगर प्रिंट्स बयुरो के अधिकारियों ने लिया है।लेकिन यह भी उस हद तक कारआमद नहीं है फैक्टस -5 के जो रिकार्ड हैं उसे यह रिकवर करने मे असमर्थ है क्योंकि फैक्टस-5 के तहेत 360000 आरोपियों के फिंगर प्रिंट्स जमां किए गए थे।लेकिन उसके खराब होजाने की वजह से यह डेटा अबतक रिकवर नहीं किया जासका।
अब फैक्टस-9 को इस विभाग मे लाने की तय्यारी चल रही है लेकिन सबसे बड़ी समस्स्या यह है कि 2004 से जो मेहनत कर के 360000 आरोपियों के फिंगर प्रिंट्स के डेटा तय्या किए गए उसकी रिकवरी कैसे की जाए।इस नए फैक्टस-9 का इस्तेमाल भी करना शूरू होजाएगा तो इस विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि सालों साल जो मेहनत की गई उसका क्या।
BOMBAY LEAKS पर 21 नबंवर 2015 को प्रकाशित खबर “राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से माहारष्ट्र पुलिस का सबसे से संवेदनशील विभाग फिंगर प्रिंट्स ब्युरो की मिट गई फिंगर,फिंगर प्रिंट्स के लिए खरीदा गया करोडों रूपए का फैक्टस-5 सिस्टम खराब होगया” के बाद राज्य सरकार ने इस विभाग को फैक्टस-9 के लिए अनुमति दी है।
महाराष्ट्र फिंगर प्रिंट्स ब्युरो के एडिशनल डीजी संजय कुमार ने BOMBAY LEAKS से बात करते हुए कहा कि हमने फैक्टस-9 की जांच कर ली है लेकिन हमारे लिए वह भी कारआमद नहीं है क्योंकि पुराने डेटा की रिकवरी करना यह सबसे ज़्यादा माने रखता है और फैक्टस-9 में वह क्षमता नहीं है कि वह पुराने डेटा को बरामद करसके।फिर भी उसे लाने के साथ साथ यह कोशिश चल रही है कि पुराने डेटा कैसे रिकवर किए जाऐं।
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