शाहिद अंसारी
मुंबई:गैर कानूनी तरीके से अपने पद का उपयोग करने के मामले में घिरी वक्फ़ बोर्ड की तत्कालीन सीइओ नसीम बानो पटेल कोसस्पेंड कर दिया गया है।राज्य सरकार के इस आदेश के बाद वक्फ़ बोर्ड में कार्यरत भ्रष्ट अधिकारियों की हालत खराब हो गई है।सरकार ने अपने निलंबन पत्र में नसीम बानो पटेल को यह हिदायत दी है कि वह निलंबन के बाद किसी भी सरकारी काम में दखल नहीं दे सकती और न ही कोई दूसरा काम कर सकती हैं।अगर वह ऐसा करती हैं तो उन्हें दोषी मानते हुए कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनकी वह सेवाऐं रद्द कर दी जाऐंगी जो उन्हें निलंबन के बाद सरकार मुहय्या कराती है।
जांच में नसीम बानो पटेल जो कि तत्कालीन वक्फ़ बोर्ड की सीइओ थीं उन्हें एक मामले में जिम्मेदार ठहराया गया उनके खिलाफ़ विभागी जांच करने के आदेश जारी किए गए थे।जांच के मुताबिक महाराष्ट्र नागरी सेवा 1979 के अनुसार उनके खिलाफ़ कार्रवाई कर उन्हें सस्पेंड किया गया।
दरअसल नासिक ज़िले में मस्जिद दुदाधारी संस्था के क़बज़े में जो कि वक्फ की जागीर है जिसकी मौजूदा कीमत 2500 करोड़ है जो की 55 एकड़ में बसी है।उसे 4 फरवरी 2016 को इनके आदेश के मुताबिक यह घोषित किया गया कि वह वक्फ़ की जगह नहीं है जिसको लेकर उनके खिलाफ़ जांच बैठा दी गई और आखिर मे उन्हें राज्य सरकार ने दोषी पाते हुए सस्पेंड कर दिया।नसीम बानों के कार्यकाल में वक्फ़ बोर्ड मे बड़े पैमाने पर हेरफेर हुए और उन्होंने जमकर मलाई खाते हुए वक्फ़ की प्रॉप्रटी का दुरपयोग किया है।Bombay Leaks ने नसीम बानो के ज़रिए किए गए भ्रष्टाचार को बेनाकाब किया था।जिसके बाद उनके खिलाफ़ जांच की गई और आखिर में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
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