शाहिद अंसारी
मुंबई:भ्रष्टाचार के मामले में कुसूरवार पाए गए रायगढ़ ऐंटी करप्शन के डीवाई एसपी सुनील कलगुटकर का तबादला ऐंटी करप्शन ब्युरो हेड क्वाटर्स वरली कर दिया गया है।इस मामले में ऐंटी करप्शन ब्युरो के वरिष्ठ अधिकारी दत्ता कराले ने जांच करते हुए 7 मई को ही सुनील कटगुटकर का तबादला कर हेड क्वाटर्स में भेज दिया है।
10 अप्रैल को Bombay Leaks में छपी ख़बर जिसमें ऐंटी करप्शन ब्युरो की रिपोर्ट जिसमें इस बात का खुलासा किया गया था कि शिकायतकर्ता रायगढ़ पाटबंधारे विभाग के तत्कालीन इंजीनियर सुभाष झगड़े ने ऐंटी करप्शन ब्युरो को बार बार कलगुटकर क खिलाफ़ अपहरण और वसूली की शिकायत की थी।लेकिन अपना अधिकरी देख ऐंटी करप्शन ब्युरो ने कलगुटकर के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जिसके बाद शिकायतकर्ता ने 5 फरवरी को महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन में की दहलीज़ पर दस्तक दी।
इस पूरे मामले की रिपोर्ट महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन ने जब ऐंटी करप्शन ब्युरो से तलब की तो जो रिपोर्ट आई वह चौंका देने वाली थी।इस रिपोर्ट की कॉपी Bombay Leaks के पास मौजूद है रिपोर्ट में ऐंटी करप्शन ब्युरो ने सुनील कलगुटकर को कुसूरवार पाया और उसपर अपहरण और वसूली के जो आरोप लगाए गए थे वह सही पाए गए।10 अप्रेल को इस रिपोर्ट से जुड़ी ख़बर Bombay Leaks में प्रकाषित की गई थी जिसके बाद 7 मई को कलगुटकर का तबादला ऐंटी करप्शन ब्युरो हेडक्वाटर्स वरली कर दिया गया।लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह कि इतने संगीन मामले साबित हो जाने के बाद भी ऐसे भ्रष्ट अधिकारी का मात्र तबादला करना क्या यही सज़ा है।इस तरह हेडक्वाटर्स में बिठाने का मतलब है कि इसकी दुकानदारी जारी रहेगी।इस बारे में एसीबी डीजी सतीश माथुर से जब बात की गई तो उन्होंने इस मामले से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी देने से साफ़ इंकार किया।ध्यान रहे झगड़े ने प्रवीण दिक्षित के समय में ही शिकायत की थी लेकिन ऐंटी करप्शन ब्युरो ने ध्यान नहीं दिया।
10 अप्रेल को इस मामले से जुड़ी ख़बर को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। http://goo.gl/eo2Dcf
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