बॉम्बे लीक्स ,महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और राजनीति का केंद्र समझे जाने वाले APMC मंडियों के चुनाव में महाविकास आघाडी से BJP-शिंदे गुट को बड़ा झटका लगा है। 147 में से 81 सीटों पर MVA ने जीत हासिल की जबकि 42 पर बीजेपी शिंदे गुट रहा तो 24 जगह दूसरे गठबंधन को जीत मिली है।
गौरतलब महाराष्ट्र में कृषि बाजार समितियों के नतीजे शनिवार देर शाम तक सामने आए। इन चुनाव नतीजों में भले ही बीजेपी नंबर एक की पार्टी बनकर उभरी हो, पर महाविकास अघाड़ी ने सत्तापक्ष बीजेपी और शिवसेना को बड़ा झटका दिया है। जानकारी दे दें कि महाराष्ट्र के 147 कृषि बाजार समितियों चुनाव नतीजे आए हैं। इन चुनावों में महाविकास अघाड़ी ने बाजी मारते हुए करीबन 80 से ज्यादा जगहों पर जीत हासिल की, जबकि बीजेपी शिवसेना को 48 जगह पर जीत मिली। बीजेपी ने सबसे ज्यादा 40 बाजार समितियों में जीत दर्ज की, दूसरे नंबर पर एनसीपी ने 38 जगहों पर तो कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही और 33 जगह जीत हासिल की।दूसरी तरफ पुणे में एपीएमसी चुनाव समिति पर एनसीपी (बागी) और बीजेपी का एक पैनल सत्ता में आ गया है।अन्नासाहेब मगर शेतकारी विकास अघाड़ी ने 18 में से 13 सीटें जीतने में सफलता हासिल की है।स्थानीय स्तर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।एनसीपी के बागियों ने बीजेपी की मदद से पुणे में कृषि उत्पाद बाजार समिति पर एनसीपी प्रायोजित पैनल को हरा दिया है।करीब 20 साल बाद पुणे मार्केट कमेटी का चुनाव हुआ।लिहाजा इस मार्केट कमेटी के रिजल्ट पर सबका ध्यान गया।कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी।वहीं भोर में कृषि उपज मंडी समिति पर एक बार फिर कांग्रेस का झंडा फहराया गया है। भोर कृषि उपज मंडी समिति पर कांग्रेस अकेले हाथ सत्ता में आ गई है।कांग्रेस के खिलाफ सभी दलों के एक साथ लड़ने के बाद भी कांग्रेस ने 18 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की है।बता दें कि कृषि बाजार समितियों के चुनाव पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नही लड़े जाते, पर इसमें इलाके के विधायक मंत्री या पॉलिटिकल पार्टी के नेता अपने-अपने पैनल खड़े करते है। इन चुनाव नतीजों से समझ आता है कि महाविकास अघाड़ी एकसाथ रहती है तो बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना को चुनाव में मुश्किल हो रही है। बता दें कि बीजेपी इस बात पर चिंतिंत है कि महाविकास अघाड़ी एकसाथ में चुनाव उतरी तो आने वाले महानगरपालिका या लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जीत हासिल करना मुश्किल होगा क्योंकि शिंदे गुट के पास मुख्यमंत्री पद होते हुए उनका करिश्मा नहीं दिख रहा है।
Post View : 58263