मुंबई : बालाजी हॉस्पिटल के चीटर डाक्टर रमेश कागज़ी का कच्चा चिट्ठा बाहर आने के बाद एक और जानकारी हाथ लगी है जिसमें यह पता चला है कि बालाजी हॉस्पिटल में चलने वाला एक्स-रे विभाग पूरी तरह से अवैध है।जानकारी में यह बात सामने आई है कि बालाजी हॉस्पिटल के अंतर्गत चलने वाले एक्स-रे सेंटर के लिए भाभा ऑटॉमिक रिसर्च सेंटर की ओर से किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं है जिसकी वजह स्थानी पुलिस थाने में इस अवैध एक्स-रे सेंटर के खिलाफ़ मामला दर्ज कर के हॉस्पिटल चलाने वाले को गिरफ्तार कर सकती है इस जुर्म में 5 साल के लिए हॉस्पिटल का मालिक जेल की हवा खा सकता है क्योंकि भाभा ऑटॉमिक रिसर्च सेंटर के नियमों पर अमल न करने का मतलब है कि मरीज़ों कीजान से खिलवाड़ करना।
भाभा ऑटॉमिक रिसर्च सेंटर की यूनिट अटॉमिक एनर्जी रिगुलेट्री बोर्ड के द्वारी बनाए नियम के मुताबिक बालाजी हॉस्पिटल में ही नहीं अधिकतर हॉस्पिटल के पास रजिस्ट्रेशन लाएसेंस नहीं हैं जो अटॉमिक एनर्जी रिगुलेट्री बोर्ड द्वारा रेडियोलॉजी उपकरणों के लिए अनिवार्य है।
क्या है कमी बालाजी हॉस्पिटल के एक्स-रे सेंटर में
एक्सरे इंस्टालेशन रूम की ले आउट प्लान को लेकर AERB से मंजूरी नहीं है रेडियोंलॉजी डिपार्टमेंट के अंदर रेडियोलॉजिकल सेफ्टी ऑफीसर की नियुक्ति नहीं है और जो हैं उनके पास AERB से सर्टीफीइड नहीं हैं।OPG , Mammography,BMD इंस्टॉलेशन के बाहर खतरे का सूचक यानी लालबत्ती और चेतावनी बोर्ड तक नहीं है।हॉस्पिटल को निर्धारित प्रारूप में डायगॉनोस्टिक रेडियोलॉजी विभाग की रेडिएशन सेफ्टी स्टेटस रिपोर्ट नहीं है।
क्या है ऑटामिक एनर्जी रिगुलेट्री बोर्ड का नियम
दर असल भारत के सभी हॉस्पिटल जहां जहां रेडियोलॉजी उपकरणों का उपयोग मरीजों पर किया जाता हैं उनकी जांच भाभा ऑटामिक रिसर्च सेंटर की यूनिट अटॉमिक एनर्जी रिगुलेट्री बोर्ड द्वारा किया जाता हैं ।जिनमें एक्सरे,सीटी स्कैन,एमआरआई जैसे उन सारे उपकरणों की जांच की जाती हैं इन उपकरणों के इस्तेमाल करने से पहले AERB से लाएसेंस लेना जरूरी होता है और उसके बाद इसकी जांच भाभा के वैज्ञानिक खुद करते हैं।और उसपर अपना रिमार्क देते हुए नोटिस जारी करते हैं उसके साथ साथ कार्रवाई भी करते हैं। प्रमाणु ऊर्जा अधिनियम 2004 लागू किए जाने के बाद 2008 से इन सारे उपकरणों का जिस हॉस्पिटल में इस्तेमाल किया जाता हैं वहां की जांच भाभा के वैज्ञानिक कर रहे हैं।गलती पाए जाने नोटिस देकर चेतावनी भी देते हैं जरूरत पड़ने पर उस हॉस्पिटल या संस्था का लाएसेंस भी रद्द करदेते हैं और उनके खिलाफ़ मामलादर्ज कर के उन्हें जेल भेज सकते हैं भाभा के अधिकारी प्रमाणू ऊर्जा अधिनियम1962 के तहेत यह कार्रवाई 2008 से कर रहे हैं ।
Post View : 178712