मुंबई : इंशुरेंस पॉलिसी को लेकर लोग गंभीर रहते हैं क्योंकि उसके ज़रिए एलाज करवाने में आसानी हो जाती है लेकिन इंशुरेंस पॉलिसी होने के बाद अस्पताल वाले कैशलेस के नाम पर इसका जमकर फाएदा उठाते हैं और तो और पॉलिसी जब तक अप्रूव नहीं हो जाती तब तक मरीज़ को घर जाने नहीं दिया जाता बल्कि उसे बंधक बना कर अस्पताल में ही रखा जाता है।
बालाजी नाम का यह अस्पताल मुंबई के भाईखला इलाके में स्थित है जहां बीते महीने एक मरीज़ ने अपना ऑपरेशन कराया डाक्टर ने उसे डिस्चार्ज करने के लिए कह दिया लेकिन अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने उसे घर जाने से यह कह कर रोक लिया कि उसकी मेडिकल पॉलिसी अप्रूव प्रक्रिया जारी है इस तरह से मरीज़ की हालत बेहतर होते हुए भी उसे घर नहीं जाने दिया गया।
हैरानी की बात यह भी है कि इस अस्पताल में मेडिकल पालिसी से पैसे तो दुगना वसूलते हैं लेकिन स्वीधा के नाम पर इनके रुम में बेल बजाने के जो स्विच दिए गए हैं वह तक खराब हैं इसलिए मरीज़ को अगर किसी उपचार के लिए किसी को बुलाना है तो वह खुद ही उठे अपने हाथों इंजेक्शन लिए बोतल को पकड़कर ही किसी को आवाज़ दे कर बुला सकता है तब ही की उसकी मदद के लिए आ सकता है। तीन दिनों में इसके लिए मरीज़ को 3 घटिया और जर्जर किस्म के रुम बदलने पड़े।
इसके अलावा अस्पताल में आरएमओ के नाम पर झोलाछाप डाक्टरों की स्वीधा ली जाती है जो मरीज़ के पास पहुंचते हैं तो उनके मुंह से तंबाकू की बदबू आती है जिससे मरीज़ों को बड़ी दिकक्तों का सामना करना पड़ता है चूंकि एडमिट होने कसे पहले मरीज़ों को यह जानकारी नहीं होती इसलिए उन्हें यह सब झेलना पड़ता है यही नहीं अस्पताल में मरीज़ों को निचोड़ने के साथ साथ शूटिंग भी होती है जिससे अस्पताल की मोटी कमाई तो होती है लेकिन मरीज़ों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर एक्स-रे रुम के साथ सआथ कई अवैध निर्माण किए गए हैं जिसके लिए बीएमसी से या फाएर से किसी भी प्रकार की एनओसी नहीं ली गई ऐसे में अगर अस्पताल में किसी तरह की घटना घट जाती है तो मरीज़ों को इसका खमियाज़ा भुगतना पड़ सकता है इसलिए इस अस्पताल में एलाज करने से बेहतर है कि जे जे और नाएर अस्पताल का रुख करेंगे तो उसमें भलाई है।
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