दिल्ली : पंजाब की तर्ज पर राजधानी दिल्ली भी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी संकट को लेकर जूझ रहा है।ऐसे में अब दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज ने शिक्षकों के वेतन का कुछ हिस्सा रोकने का फैसला किया गया है।
बताया जा रहा है कि कॉलेज प्रबंधन ने इस सप्ताह की शुरुआत में जुलाई महीने के वेतन का भुगतान करते हुए कर्मचारियों को इसकी सूचना जारी की है।
कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य हेम चंद जैन द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ,कॉलेज के सभी स्थायी शिक्षण कर्मचारियों को इस बात की सूचना दी जाती है कि धन की कमी के कारण सहायक प्रोफेसरों के वेतन से 30,000 रुपये और एसोसिएट प्रोफेसर की सैलरी से 50,000 रुपये रोके जा रहे हैं। सूचना के माध्यम से बताया गया है कि फंड की पुर्ति होते ही इसे फिर जारी कर दिया जाएगा।
ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है, जब दिल्ली सरकार द्वारा सैलरी संकट का सामना न करना पड़ा हो।दिल्ली सरकार को इससे पहले भी वित्त पोषित कॉलेज के कर्मचारियों को वेतन देने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।वहीं पिछले कुछ वर्षों में, दिल्ली सरकार वित्त पोषित कॉलेजों ने बार-बार धन की कमी के कारण शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त कर चुकी है।
हालांकि, कॉलेज के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने फंड जारी किया था।संचालन बोर्ड के अध्यक्ष सुनील कुमार ने जैन को एक ईमेल भेजकर पूछा कि कॉलेज ने वेतन का एक हिस्सा क्यों रोक दिया है। उन्होंने लिखा, “जब उच्च शिक्षा विभाग द्वारा वेतन मद के तहत आवश्यक राशि जारी की गई इसके बाद भी कॉलेज के कर्मचारियों को जुलाई महीने के लिए उनके वेतन का पूरा भुगतान क्यों नहीं किया गया है। कृपया स्पष्ट करें कि किसकी अनुमति से राशि की कटौती होती है।
वही दूसरी तरफ पँजाब प्रान्त में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है।बताया जा रहा है कि पँजाब सरकार में भी सैलरी को लेकर विवाद जारी है।पँजाब में भगवंत मान की सरकार अपने कर्मचारियों को अगस्त माह की सैलरी तक नही दे सकी है।जबकि यह सितंबर महीना शुरू हो चुका है।अगस्त माह बीतने के बावजूद पंजाब की भगवंत मान सरकार कर्मचारियों की अगस्त महीने की सैलरी नहीं दे पाई है। इसके चलते पंजाब में चर्चा शुरू हो गई है कि राज्य सरकार फंड की कमी के संकट से जूझ रही है।
वहीं सैलरी संकट को लेकर भगवंत सरकार ने कहा है कि आज शाम तक वेतन जारी कर देंगे। उन्होंने कहा कि खजाने में जितने भी पैसे आते हैं, वह लोगों के लिए खोल रखे हैं।सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस बार जीएसटी (GST) कलेक्शन 23 प्रतिशत बढ़ी है।इस पैसे को हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगा रहे हैं, लोगों की कल्याणकारी योजनाओं पर लगा रहे हैं।
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