बॉम्बे लीक्स, मुंबई
मुंबई में 15 सितंबर से ये डीजल से चलने वालीं ये डबल-डेकर बसों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।इन बसों को चलाने का काम बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) देखता है।BEST के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अभी मुंबई में सिर्फ सात डबल-डेकर बसें हैं, जिनमें से तीन ओपन-डेक बस हैं। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर से डबल-डेकर और 5 अक्टूबर से ओपन-डेक बसें सड़कों से हट जाएंगी।
गौरतलब है कि बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन यानी BEST ने शहर की सड़कों से डबल डेकर बसों को बंद करने का फैसला किया है। मुंबई की सड़कों पर दौड़ने वाली डबल डेकर बसे शहर के लिए आइकॉनिक बसे मानी जाती थी।लाल डबल-डेकर बसों को 1937 में शहर की पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में पेश किया गया था।लेकिन अब ये बसे 15 सितंबर यानी आज से हमेशा के लिए सड़कों से से हट जाएंगी, वहीं शहर में दौड़ने वाली ओपन-डेक बसें 5 अक्टूबर से सड़कों से नदारद होने जा रही है।जानकारी के मुताबिक साल 1990 के दशक से ये बस पर्यटकों को शहर की यात्रा कराती आ रही हैं।मौजूदा समय में BEST के बेड़े में तीन ओपन-डेक बसों समेत केवल सात डबल-डेकर बसें बची हैं।बेस्ट के प्रवक्ता ने बताया कि चूंकि ये वाहन अपनी कोडल लाइफ के 15 साल पूरे कर रहे हैं इसलिए इन्हें 15 सितंबर से हमेशा के लिए सड़कों से हटा दिया जाएगा जबकि ओपन-डेक बसें 5 अक्टूबर को सड़कों से हट जाएंगी।1990 के दशक की शुरुआत में BEST के पास 900 डबल-डेकर बसों का बेड़ा था लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या में गिरावट आनी शुरू हो गई।BEST ने 2008 के बाद डबल-डेकर बसों को अपने बेड़े में शामिल करना बंद कर दिया था, तर्क यह दिया गया था कि इसमें परिचालन लागत ज्यादा आती है।चूंकि, डबल-डेकर बसों के रखरखाव और चलाने में खर्चा बहुत आता था, इसलिए साल 2008 से नई बसों को बेड़े में शामिल करना बंद कर दिया गया।अब इन डबल-डेकर बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसें लेंगी। ये बसें भी डबल-डेकर होंगी और इनका कलर रेड एंड ब्लैक होगा।जबकि, पुरानी डबल-डेकर बसें सिर्फ लाल रंग की ही होती थीं।BEST ने बताया था कि वो पर्यटकों के लिए जल्द ही ओपन-डेक डबल-डेकर बसें खरीदेगी. और ये भी इलेक्ट्रिक ही होंगी।इसी साल फरवरी से मुंबई की सड़कों पर इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बसें चलने लगी हैं।अब तक ऐसी 25 बसें हैं. इन इलेक्ट्रिक बसों की कीमत दो करोड़ रुपये बताई जाती है। जबकि, डीजल वाली एक डबल-डेकर बस पर 30 से 35 लाख रुपये खर्च होते थे।वहीं सीएम एकनाथ शिंदे ने बीएमसी प्रमुख इकबाल सिंह चहल, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार और बेस्ट के जनरल मैनेजर को चिट्ठी लिखकर अपील की गई है कि बाकी बचे दो लाल डबल-डेकर बसों को संरक्षित किया जाए और उन्हें भावी पीढ़ी के लिए म्यूजियम में रख दिया जाए।
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