Bombay Leask Desk
भोपाल: मध्य प्रदेश की भोपाल सेंट्रल जेल में जेलकर्मी को मारकर फरार हुए सिमी के आठों संदिग्धों के इनकाउंटर पर कई सवाल खड़े किये जा रहे है। एक तरफ मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश नायक इस इंकाउटर को सुनियोजित साजिश बता रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार की एक प्री प्लान एक्टीविटी करार दिया है वहीं दिग्विजय सिंह भी इस पर संदेह जताया है।
वहीं आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लांबा सोमवार को एक ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें लिखा था “आतंकी मारे गए अच्छा हुआ। 8 आतंकियों का एक साथ भागना, फिर कुछ घंटो बाद एक ही साथ एनकाउंटर में मारे जाना । सरकार के पास व्यापम फार्मूला भी था।”
खास बात तो यह कि उनके पास महंगी घड़ियां जूते और हथियार सब कुछ बरामद किए गए पुलिस ने अपने बयान में कहा कि जवाबी कार्रवाई में उन्होंने फाएरिंग की जैसा कि हमेशा होता है क्योंकि यह लॉलीपॉप ऐसा है कि हर एक पर फिट हो जाता है।आजादी के बाद से आज तक जितने भी इंकाउंटर हुए हैं उन सब की कहानी देखा जाए तो बिल्कुल एक जैसी है।लेकिन कई अहम सवाल जिस के जवाब शायद न तो पुलिस के पास है न तो जेल प्रशासन के पास कि आखिर उनका मददगार कौन था हथियार कहां से हासिल किए हाईटेक जीपीएस वाच उनके पास खाने के सामान भी पाए गए जबकि उनका भागने का समय रात 3 बजे बताया जा रहा है तो इतने कम समय मे आखिर यह सब आया कहां से अचानक भागने से यह सारी चीजें भी अचानक ही उन्हें मिल गई भोपाल आई जी योगेश चौधरी के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि उनके पास से कौन से हथियार बरामद किए गए ।
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