बॉम्बे लीक्स।
मुंबई : मुंबई क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र मंत्रालय में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपियों में मंत्रालय का एक चपरासी भी शामिल है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ठगों ने कथित तौर मंत्रालय के अंदर प्रत्येक उम्मीदवार से 5 लाख रुपये से 9 लाख रुपये के बीच फर्जी साक्षात्कार कराकर ठग भी लिया।
अब क्राईम ब्रांच उन लोगो की भी तलाश कर रही है जिन्होंने मंत्रालय के अंदर फर्जी साक्षात्कार आयोजित कराकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी किए।क्राइम ब्रांच की यूनिट 6 के मुताबिक आरोपियों की पहचान मंत्रालय के चपरासी सचिन डोलस और दो संपर्क एजेंट महादेव शिरवाले और नितिन साठे के रूप में हुई है।
खबर के मुताबिक मलाड निवासी पीड़ित सागर जाधव ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया है कि उसके जैसे 10 लोगों के साथ ठगी हुई है।जाधव ने अपने आरोप पत्र में बताया कि ठग सकपाल से उनकी मुलाकात उनके पिता के एक दोस्त के द्वारा हुई थी। सकपाल ने उससे कहा कि उसकी पहचान मत्रालय में विशिष्ठ अधिकारीयों से है।बताया गया कि मंत्रालय के नितिन कुंडलिक साठे उंसके बहुत करीबी है।जाधव के मुताबिक सकपाल ने मंत्रालय में ”स्थाई” नौकरी मिलने के लिए 6 लाख की भुगतान चेक की माध्यम करने को बोला। जाधव ने बताया कि 2021 में मैंने और मेरे दो कजिन- आकाश और प्रियंका ने सकपाल को नौ लाख रुपये भुगतान किये।
जिसके बाद फरवरी 2022 में सकपाल की नियुक्ति किये जाने की बात बताया। कहा कि बताया गया कि अब हमें मेडिकल देना है लेकिन सकपाल ने कोविड-19 का हवाला देकर अगस्त तक इंतजार करने को कहा।सकपाल ने इसके बाद कहा कि उसका आधा काम हो चुका है।अब सीधा साक्षात्कार के बाद उसे नियुक्ति पत्र मिल जाएगा।जाधव के मुताबिक आरोपियों ने मंत्रालय में साक्षात्कार के लिए अस्थायी पहचान पत्र दिए।वहीं नितिन साठे ने खुद को संयुक्त सचिव बताते हुए जाधव और अन्य लोगों का इंटरव्यू लिया।यही नही शंका न होने पर आरोपियों ने सभी का कागजात भी चेक किया।
इसके बाद कुछ जब नौकरी को लेकर जाधव और अन्य लोग जब सकपाल को फोन कर संपर्क करते तो जवाब मिलता था कि मराठा आरक्षण मुद्दे और कोविड-19 महामारी के कारण प्रशासन के काम में देरी हो रही है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों ने एक दर्जन से अधिक लोगों को जालसाजी का शिकार बनाते हुए उनसे करीब 74 लाख रुपये ठग लिए।फ़िलहाल पुलिस ने आरोपियों पर पर आईपीसी की धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, विश्वासघात और आपराधिक साजिश की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मुंबई क्राईम ब्रांच ने आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है।पुलिस के मुताबिक उन्होंने ज्यादातर चेक के जरिए पैसे स्वीकार किए थे।पुलिस को ठगों की मोबाइल फोन से कुछ फर्जी नियुक्ति पत्र भी जब्त किए गए हैं। उधर सूत्रों से मालूम हुआ है कि पुलिस फरार चल रहे चेंबूर निवासी महेंद्र सकपाल की तलाश कर रही है।जुलाई में डोलास ने तीनों को मंत्रालय बुलाया और आगे की औचारिकता पूरी होने तक उन्हें एक कमरे में रुकने को बोला।तीनों पीड़ित पता चलता की ‘मंत्रालय’ में कोई साठे नाम का कोई संयुक्त सचिव नहीं है, उन्होंने ठगो को कुल 20 लाख रुपये दे चुके थे।
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