मुंबई:मिल मजदूरों से रिश्वत लेना महाडा की सीनियर क्लर्क सिद्धी राजेन्द्र सावंत को उस वक्त महंगा पडा जब उसके इस बरताव को देखते हुए महाडा के आईएस अधिकारी एसएम खानापुरे ने उसे नौकरी से ही निकाल दिया।घटना साल 2014 की है जब महाडा की सीनियर क्लर्क सिद्धी राजेन्द्र सावंत नें मिल मजदूर से उनकी जगह उन्हें अलार्ट करने के एवज दो लाख रूपए की रिश्वत तलब की मिल मजदूर ने मुंबई ऐंटी करप्शन ब्युरो की दहलीज पर दस्तक दी।जिसके बाद ऐंटी करप्शन ब्युरो नें ट्रैप लगाकर सिद्धी राजेन्द्र सावंत को दो लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।हालांकि यह मामला अभी कोर्ट मे चल रहा है।लेकिन इस वारदात के बाद महाडा के अधिकारी एसएम खानापुरे नें कार्रवाई करते हुए नौकरी से ही निकाल दिया।
हालांकि मुबंई ऐंटी करप्शन ब्युरो की लगातार हो रही कार्रवाई मे कई रिश्वतखोरों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया जाता है लेकिन जब उसकी सेंक्शन रिपोर्ट उस विभग से ऐंटी करप्शन ब्युरो के जरिए मागी जाती है तो विभाग उस आरोपी की सेंक्शन रिपोर्ट ही नहीं भेजता नतीजा यह होता है कि एसीबी की कार्रवाई के बावजूद रिश्वत खोरों को की फर्क नहीं पडता लेकिन महाडा के जरिए इस पहल से यकीनन एसीबी की मेहनत रंग लाते हुए दिखाई देती है।इस तरह से से हर विभाग अगर अपने यहां के पकडे गए रिश्वत खोरों को नौकरी से निकालना शुरू करें तो कोई भी सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेने से पहले सोचेगा।
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