शाहिद अंसारी
मुंबई:मेमन बैंक के दीवालिया होने के बाद अब एक और बैंक बॉम्बे मरकंटाइल दीवालिया के कगार पर आपहुंची है।बैंक के दीवालिया होने के मुख्य कारण हैं बैंक में मौजूद डायरेक्टर्स की पैसों को लेकर आपसी लड़ाई और बंदर बांट।जिसको लेकर अब बैंक के लक्षण बहुत ही बुरे दिखाई देने लगे हैं यही वजह है कि बैंक जो कभी A कटेग्री में थी अब D कटेग्री मे पहुंच गई।आरबीआई ने कड़ा रुख ज़ाहिर करते हुए बैंक को पत्र लिख कर बैंक में मौजूद डायरेक्टर्स द्वारा बंदर बांट और भ्रष्टाचार को लेकर आवगत कराया था इस रिपोर्ट में कौन से डायरेक्टर के ज़रिए कितने करोड़ का घपला किया गया है उसके बारे में बताया गया और साथ में कई ताकीद भी की गई है।रिपोर्ट में बैंक में मौजूद डायरेक्टर्स द्वारा किस तरह से घपले किए गए और बैंक के करोड़ों रूपए की किस तरह से हेराफरी हुई यह उजागर किया गया है।
आरबीआई द्वारा बैंक की जो जांच हुई उसमें पाया गया कि बैंक में मौजूद कई डायरेक्टर पैसों की चोरी में शामिल हैं।याचिकाकर्ता मुबंई पुलिस के रिटाएर्ड एसीपी इक़बाल शेख हैं जिन्होंने अपनी याचिका में उन तथ्यों को कोर्ट के सामने रखा उनमें सब से खास यह कि बैंक के मुख्य डायरेक्टर ज़ीशान मेंहदी को लेकर खास खुलासे हुए हैं।जीशान मेहंदी बैंक डायरेक्टर के साथ साथ हिंदुस्तान ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन और स्टील इंडिया कंपनी के पार्टनर हैं और इन्होनें सम्बंधित कंपनी का 3 करोड़ का ब्याज़ माफ़ कराया यही नहीं इनकी मिली भगत की वजह से शान ट्रेडर्स और युनिवर्सल इंटरप्राइज़ेज़ इन दो कंपनियों को 15 करोड़ का लोन दिया गया जबकि इनके ऊपर पहले से ही कुछ कंपनी जिसके यह पार्टनर हैं उसका पैसा बाकी है।15 कराड़ो के लोन जो बैंक को वापस आने चाहिए वह आज तक वापस नहीं आए और यह अकाउंट भी बंद कर बैंक को चूना लगा दिया गया।ज़ीशान मेंहदी के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से सटे नैनी पुलिस थाने में साल 2008 में धोखाधड़ी,और फर्ज़ी दस्तावेजों में हेर फेर कर प्रॉप्रटी क़बज़ा करने का मामला (FIR 195/2008) 2008 में दर्ज हुआ है।
बैंक में दूसरे मेनेजिंग डायरेक्टर शाह आलम हैं साल 2003 में शाह आलम को बैंक से निकाल दिया गया था और निकालने की वजह थी कि इनके खिलाफ़ बैंक में विजलेंस ने जांच मे पाया कि इन्होंने बैंक द्वारा साठगांठ कर 8 खाते में 5 करोड़ 32 लाख रूपए जमां कराए और बाद में वह सारे खाते बंद होगए और वह पैसे भी इनकी जेब मे चला गया।शाह आलम को इस धांधली के बाद भी बैंक ने वापस रखा और फिर इनका गोरख धंधा फिर से चल पड़ा।29 जूलाई 2015 को बालाजी सेंफोनी नाम की कंपनी को इन्होंने 50 लाख के लोन दिलाए उसके अलावा शीज़ान कंस्ट्रक्शन कंपनी जिसके मालिक मुहम्मद हारून आज़मी हैं उन्हें 45 लाख का लोन दिलाया उसके पीछे की वजह यह है कि 50 लाख तक का लोन देना कोई मुश्किल काम नहीं और न इसके लिए बैंक के किसी दूसरे डायरेक्टर से सहमति की जरूरत होती है।जबकि मुहम्मद हारून आज़मी का पहले भी एक्सिस बैंक में खाता सीज़ किया गया है और उस पर भिवंडी पुलिस थाने में मामला दर्ज है।लेकिन इन सब बातों को नज़र अंदाज़ कर शाह आलम ने लोन जारी किया।
बैंक में मौजूद अरशद खान के खिलाफ़ लखनऊ सीबीआई ऐंटी करप्शन ब्योरो में मामला दर्ज हुआ है और इसके खिलाफ़ लखनऊ में ऐंटी करप्शन ब्युरो विशेष अदालत लखनऊ में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। अरशद खान के ज़रिए मात्र 24 घंटे के अंदर अनीस इंटरप्राइजेज जिसके मालिक अनीस मोटा है इन्होंने इसे 24 घंटे में 7.5 कोरड़ रूपए के लोन दिए 10 अगस्त का उसका आवेदन है और उसे लोन 11 अगस्त को दिया गया और उसमें से एक पैसा भी वापस नहीं आया।
बैंक के एक और डायरेक्टर सलाहुद्दीन राजमी हैं जिन पर उत्तर प्रदेश के फतेहपुर पुलिस थाने में धोखाधड़ी,फर्ज़ी कागजात के दम पर जायदाद हड़पने का मामला (FIR 382/2010) दर्ज हुआ है।इस तरह से बैंक में इन लोगों की मौजूदगी में वही बात होती है कि दुध की रखवाली बिल्ली से कराई जाए।
हाई कोर्ट में मामले की कानूनी लड़ाई लड़ने वाले एडोकेट भावेश परमार ने कहा कि मामले के बाद ही हमारे हाथ आरबीआई की 2014-15 की वह रिपोर्ट लगी जिसमें आरबीआई ने बॉम्बे मरकंटाइल बैंक में बहुत बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया है जिसको लेकर हम उन चेहरों को कोर्ट और समाज में बेनकाब करेंगे जो समाज में गरीब अवाम की कमाई को अपने स्वार्थ और अपने फाएदे के लिए इस्तेमाल कर बैंक और आरबीआई को चूना लगाते हुए आरबीआई की गाइडलाइंस का उल्लघन करते हैं और यह करते हुए एक बार भी नहीं सोचते कि बैंक का क्या हाल होगा या वह अवाम जो बैंक पर भरोसा कर अपनी कमाई जमां करती है उसका क्या होगा।ताज्जुब इस बात कि बैंक में जो जिम्मेदार हैं उन पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं और वह शराफत का लेबादा ओढ़ कर बैंक पर कबजा जमाए बैठे हैं इस आपसी बंदर बांट की वजह से बैंक कभी A श्रेणी में थी जो अब D में पहुंच गई।किसी भी बैंक का D श्रेणी में पहुंचने का मतलब होता है कि बैंक दीवालिया के कगार पर पहुंच चुकी है प्राथमिक जानकारी में पता चला है कि अभी तो मामला 30 करोड़ के घपले का है लेकिन यह मामला और बड़ा है जिसका जल्द ही खुलासा किया जाएगा।हमें इस बात का यक़ीन है कि कोर्ट में हम जिन सुबूतों और सच्चाइयों के साथ मामले को उजागर कर रहे हैं कोर्ट इस मामले में सख्स कदम उठाएगी।इस मामले में अगली सुनवाई मुंबई हाई कोर्ट में 25 नबंवर को होने वाली है।
इस बारे में बैंक के मुख्य डायरेक्टर ज़ीशान मेंहदी से उनका पक्ष जानने के लिए जब उनसे बात की गई तो उन्होंने किसी भी तरह से कोई भी बात करने से इंकार कर दिया लेकिन उन्होंने दूसरे लोगों के द्वारा इस खबर को प्रकाशित करने से मना करने की कोशिश की।बॉम्बे मरकंटाइल बैंक की पूरे देश में 52 शाखाऐं हैं।बैंक कभी A कटेग्री मे हुआ करती थी लेकिन डायरेक्टरों की मिली भगत और धोखाधड़ी करने की वजह से इन पर अपराधिक मामले दर्ज हो गए जिसकी वजह से बैंक आज D कटेग्री में पहुंच गई है।खास बात तो यह है कि इन सब पर अपराधिक मामले दर्ज होने के बाद भी यह उसी दादागिरी से बैंक को लूट घसोट रहे हैं जिसकी वजह से इन पर अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं।
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