शाहिद अंसारी
मुंबई:मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में जब केदार पवार एंड कंपनी ने आसिफ शेख़ को पीट लिया।उस समय आसिफ ताज़ा ज़ख्मों और लहूलहान लॉकप में बैठा अपनों का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि पुलिस को यह ज़हमत नहीं हुई की जिसे पाकिस्तानी समझ कर पुलिस वालों एक तबके के खिलाफ भड़ास निकाली उसे भी दर्द हो रहा है।
ताज्जुब इस बात का की आसिफ ज़ख्मों से लहू लहान ज़मीन पर मुजरिमों के जैसे बैठा था और थाने में तैनात एक पुलिस कर्मी मज़े की नींद ले रहा है।इस पुलिस कर्मी को के सामने आसिफ तड़प रहा था और यह मज़े से सो रहा था।ताज्जुब इस बात का यह पुलिस थाने में काम करने के बजाये पुलिस थाने में ही सो जाते हैं।अभी यहाँ सिर्फ एक वेडियो में दिखाई दे रहा है बाकी के लोग क्या कर रहे थे यह किसी को पता नहीं।
हालाँकि पीड़ित परिवार ने मुंबई सीपी अहमद जावेद से बात की उन्होंने FIR को लेकर कहा की पहले डीसीपी को रिपोर्ट आयेगी उसके बाद यह फैसला लिया जायेगा।अब ऐसे में सवाल यह उठता है की मुंबई सीपी या मुम्बई पुलिस क्या यही कानून सब के लिए पारित करती हओ या मात्र पुलिस वालों के ही मामलों में जाँच का लॉलीपॉप दिया जाता है।
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