शाहिद अंसारी
मुंबई:मुंबई क्राइम ब्रांच की गिरफ़्त में आए इस शातिर मास्टमाइंड ठग का नाम संजय उद्धव राय है 33 साल की उम्र में इसने अपने शातिराना तरीक़े से ना जाने कितनी गाड़ियों के कांच तोड़कर लैपटॉप गायब कर दिए।मुबंई,दिल्ली,कोलकाता जैसे बड़े शहरों में लैपटॉप चोरी की वारदात अंजाम देने वाली गैंग का सरगना है यह इसपर केवल मुबंई में ही 50 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं।
क्राइम ब्रांच की गिरफ़्तारी के बाद इसे मुलुंड पुलिस थाने में गाड़ियों को तोड़कर उनके अंदर मौजूद लैपटॉप गायब करने के मामले में गिरफ़्तार किया गया है लैपटॉप चोरी की इस वारदात के बाद मुंबई पुलिस इसे लगातार तलाश कर रही थी।मुंबई क्राइम ब्रांच के ज़रिए हुई गिरफ़्तारी के बाद इसे मुंबई के मुलुंड पुलिस थाने को सौंपा गया।
दरअसल काफ़ी समय से फ़रार होने के बाद इसे पुलिस साल 2012 के इसी तरह के मामले को लेकर हर जगह ढूंढ रही थी लेकिन यह गिरफ़्तारी के डर से अपने गांव आसाम में श्रण ले रखी थी मुंबई आने के बाद इसे आंबीवली इलाके से गिरफ़्तार किया गया।यह कार के कांच तोड़कर लैपटॉप और मोबाइल पर अपना हाथ साफ़ कर गायब होजाता था और उसे पांच से दस हज़ार रूपए में चोर बाज़ार में बेचता इसके खिलाफ़ मुबंई,नवी मुंबई और पूणे में भी इसी तरह के मामले दर्ज हैं।
कैसे देता था वारदात को अंजाम
एक स्क्रुड्राइवर की मदद से यह शातिर वारदात को अंजाम देता था इस कैम मे इस गैंग के दूसरे लोग भी शामिल थे।सबसे पहले यह ऐस जगहों की रैकी करतो थे जहां चार पहिया गाड़ियां ज़्यादा तादाद में खड़ी रहती हैं।उसके बाद अंदर रखे लैपटॉप को तलाश करता था अगर गाड़ी में इसे लैपटॉप नज़र आता तो इसकी चांदी आसपास देखने के बाद अगर किसी का ध्यान गाड़ी पर नहीं है तो इसका काम शूरू होजाता था महंगी सी महंगी गाड़ियों के कांच खोलने के लिए इसको महेज़ 10 सिकंड ही काफ़ी हैं कांच तोड़कर अंदर मौजूद लैपटॉप या कोई और क़ीमती सामान है तो वह लेकर रफ़ू चक्कर होजाता था।इस काम को अंजाम देने में इसे सिर्फ 30 सिकंड ही लगते थे।इस तरह से यह एक दिन में चार से पांच गाड़ियों पर हाथ साफ़ करता था पास मे हथियार के तौर पर बस एक छोटा से स्क्रुड्राइवर होता है।
मुलुंड पुलिस थाने के सीनियर पीआई राजाराम वनमाने ने जानकारी देते हुए बताया कि यह एक पेशेवर चोर है जो लैपटॉप की ही चोरी करता है इसपर नवी मुंबई मे भी मामले दर्ज हैं मुलुंड मे हुई वारदात के बाद इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इस गैंग मे और भी कई लोग शामिल होसकते हैं और इस गैंग ने मुंबई में ही सैंकड़ो लैपटॉप चोरी की वरदात को अंजाम दिया है फिलहाल हम मुंलुंड मे हुई वारदात की तहक़ीक़ात कर रहे हैं।
देश के बड़े शहरों में भी मामले दर्ज
मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी नितिन पाटिल की छानबीन में इस बात का खुलासा हुआ है कि यह शातिर संजय उद्धव राय इस गैंग का सरगना है।इसपर मुंबई मे 50 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं जबकि माहौल गरम होते ही यह एक शहर से दूसरे शहर की तरफ़ कूच कर जाते हैं इसके साथ 10 से 12 लोगों की टीम होती है जो कि देश के अलग अलग हिस्से मे और बड़े शहरों में लैपटॉप चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं।वारदात को अंजाम देने के लिए यह लोग कार मे बैठ कर हर जगह की रैकी करते थे और मैका मिलते ही काम कर जाते हैं।ख़ासकर यह हास्पिटल मे खड़ी गाड़ियों मे मौजूद लैपटॉप पर हाथ साफ करते थे।
चोर बाज़ार के खरीदारों पर भी कसेगा शिंकजा
मुंबई क्राइम ब्रांच की छानबीन मे इस बात खुलासा हुआ है मुबई में इन लोगों ने जहां भी लैपटॉप चोरी की है वह सारे लैपटॉप मुंबई की चोर बाज़ार में बेचते थे फिलहाल मुंबई क्राइम ब्रांच चोरबाज़ार में मौजूद उन लोगों को तलाश कर रही है जो चोरी के लैपटॉप काफ़ी कम पैसों मे खरीद लेते हैं।
साल 2009 में भी मुबंई पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग का परदा फ़ाश किया था जो इसी तर्ज़ पर गाड़ियों में रखे लैपटॉप पर हाथ साफ करते थे और गाड़ियों के कांच ऐसी सफ़ाई से काटते थे कि किसी को पता ही नहीं चल पाता था।इसकी गिरफ़्तारी के बाद यह संभव है कि यह उसी गैंग का मास्टरमाइंड है जो फिर से मुंबई में अपने पैर जमा चुके हैं।मुंबई पुलिस की छानबीन मे इस बात खुलासा हुआ है कि इसके परिवार और रिश्तेदार सब इस गोरख धंदे मे शामिल हैं फिलहाल पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कररही है कि साल 2010 के बाद से मुबंई में गाड़ियों से लैपटॉप चोरी करने की जो वारदात हुई है उस वारदात मे इसके अलावा और कौन कौन से लोग शामिल थे।ताकि उनकी गिऱफ़्तारी की जासके।
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