शाहिद अंसारी
मुंबई: बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के 200 करोड़ रूपए का एनपीए समाप्त करने का मामला सामने आया है लेकिन इस एनपीए को समाप्त करने के लिए बैंक के चेयरमैन जीशान मेंहदी ने हमेशा की तरह बैंक को ही चूना लगाया दिया।इस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व एसीपी इकबाल शेख ने आरबीआई से शिकायत की है और बताया है कि एनपीए समाप्त करने के नाम पर बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के चेयरमैन जीशान मेंहदी बैंक के ही पैसों का इस्तेमाल कर बैंक को पहले के जैसे चूना लगा चुके हैं वह एनपीए की भरपाई के लिए बैंक के पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं इस तरह से एनपीए की जो भरपाई करने की बात सामने आ रही है वह असल में बैंक के साथ बहुत बड़ा धोखा है।
शेख ने शिकायत में बताया कि 200 करोड़ रूपए के एनपीए को बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक ने 117 करोड़ रूपए में बेचा है और इसे खरीदने वाली कंपनी इनवेंट है इस कंपनी के डायरेक्टर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एम.एन.सिंह हैं।
जानकारी में इस बात का पता चला है कि बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक और इनवेंट कंपनी ने मिलकर एक ट्रस्ट बनाया है और इस फंडे का इस्तेमाल करते हुए बैंक ने ट्रस्ट में 99.50 करोड़ रूपए निवेश किए और इनवेंट कंपनी ने 17.50 करोड़ रूपए निवेश किए।यह दोनों रकम मिलाकर 117 रूपए करोड़ रूपए निवेश किए और इस फंडे का इस्तेमाल करते हुए बैंक के एनपीए को समाप्त करने करने का डंका पीट रहे हैं।पिछला एनपीए यानी बैंक का जो 200 करोड़ रूपए का बकाया एनपीए समाप्त हो गया लेकिन इसके पीछे करोड़ों रूपए का जो खेल खेल कर बैंक को डुबाने की साज़िश रची गई है बहुत ही दिलचस्प है जिसे जानना बहुत ज़रूरी है।क्योंकि बैंक के ही पैसे से बैंक को ही चूना लगाया गया है।
बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी और संबंधित कंपनी मिलकर पहले के जैसे ही बैंक को फिर से चूना लगा चुके हैं क्योंकि इनविंट कंपनी के जिस ट्रस्ट में बैंक ने निवेश किया है वह पैसे तो बैंक के ही हैं।इस तरह से बैंक के पैसे को ही 200 करोड़ के एनपीए को समाप्त करने के लिए उपयोग किया गया और पुरने एनपीए को समाप्त करने का यह गोरख धंधा बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी काफी पहले से करते आरहे हैं और वह इस गोरख धंधे के मढ़े हुए खिलाड़ी हैं।इस बार भी बैंक को ही पहले के जैसे 200 करोड़ से अधिक यानी दुगना नुकसान हो गया।
इस तरह से एनपीए के जो बाकी 83 करोड़ हैं उसके लिए बैंक प्रोविहिजन के लिए बैंक में रिज़र्व की गई रकम का इस्तेमाल कर यह 200 करोड़ के एनपीए एक झटके में खतम कर दिया गया और आरबीआई के सामने यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि 200 करोड़ का एनपीए बैंक ने क्लियर कर दिया लेकिन इसके पीछे की सच्चाई यह है कि बैंक और संबंधित कंपनी इनविंट मिलकर बैंक को तो चूना लगा ही रहे हैं बल्कि आरबीआई की भी आंख में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि इसी फंडे का इस्तेमाल कर बैंक के चेयर मैन जीशान मेंहदी ने खुद बैंक को 15 करोड़ का चूना लगाया है।
दर असल बैंक के चेयरमैन ज़ीशान मेंहदी एनपीए क्लियर कराने के लिए इस फंडे का बहुत ही पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं पहले के 15 करोड़ के एक एनपीए समाप्त कराने के लिए जीशान मेंहदी ने ऐसे ही फंडे का इस्तेमाल करते हुए खुद दो कंपनी खोली थी और दोनों में बैंक की ओर से 15 करोड़ निवेश किए थे और कंपनी बंद हो गई और यह 15 करोड़ भी डूब गए।
जीशान मेहंदी बैंक चेयरमैन के साथ साथ हिंदुस्तान ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन और स्टील इंडिया कंपनी के पार्टनर हैं और इन्होनें सम्बंधित कंपनी का 3 करोड़ का ब्याज़ माफ़ कराया यही नहीं इनकी मिली भगत की वजह से शान ट्रेडर्स और युनिवर्सल इंटरप्राइज़ेज़ इन दो कंपनियों को 15 करोड़ का लोन दिया गया जबकि इनके ऊपर पहले से ही कुछ कंपनी जिसके यह पार्टनर हैं उसका पैसा बाकी है।15 कराड़ो के लोन जो बैंक को वापस आने चाहिए वह आज तक वापस नहीं आए और यह अकाउंट भी बंद कर बैंक को चूना लगा दिया गया।ज़ीशान मेंहदी के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से सटे नैनी पुलिस थाने में साल 2008 में धोखाधड़ी,और फर्ज़ी दस्तावेजों में हेर फेर कर प्रॉप्रटी क़बज़ा करने का मामला (FIR 195/2008) 2008 में दर्ज हुआ है।
अब बारी है 200 करोड़ के डुबाने की क्योंकि यह आज तक बैंक में पैसे वापस नहीं आए और इसकी भरपाई के लिए बैंक के ही पैसों को निवेश करने के नाम पर संबंधित कंपनी इनविंट के द्वारा बनाए हुए ट्रस्ट को दिया गया है जो कि कभी वापस आने वाले नहीं है।200 करोड़ रूपए के एनपीए को समाप्त करने के लिए जिस रकम का इस्तेमाल किया गया है वह बैंक के ही पैसे को इस्तेमाल कर बैंक को ही चूना लगा कर एनपीए की भरपाई की गई है।और यही वजह है कि बॉम्बे मर्कंटाइल बैंक के करोड़ों रूपए के एनपीए को लेकर यह बैंक आज डी कटेगरी मे पहुंच गई है जो कि कभी भी बंद हो सकती है।
इस बारे में जब इनविंट कंपनी के चेयरमैन और मुबंई के पूर्व कमिश्नर एम.एन सिंह से बात की गई तो उन्होंने पहले इस मामले को लेकर बात करने से इंकार किया और कहा कि यह बिज़नेस डील है और इस पर वह किसी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे।जबकि जीशान मेंहदी से जब बात की गई तो उन्हों पना पक्ष देने के बजाए कन्नी काटते नज़र आए और कहा कि फोन पर इस बारे में कुछ भी नहीं बोलूंगा।
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