शाहिद अंसारी
मुंबई:मुंबई की शिवड़ी कोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में मुंबई के भाईखला पुलिस थाने में मज़गांव के रहने वाले निसार इस्माइल वाघू समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ़ आईपीसी की धाराओं के तहेत धोखाधड़ी और अपराधिक गतिविधियों की साज़िश रचने औऐर सरकारी दस्वावेजों में हेरफेर कर उसका दुरपयोग करने को लेकर FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया है जिसके बाद भाईखला पुलिस थाने ने तीन लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है।जानकारी में इस बात का पता चला है कि मुख्य आरोपी धोखेबाज़ निसार इस्माईल वाघू सेंट्रल रीज़न एडिशनल कमिश्नर आर.डी.शिंदे का करीबी है और शिंदे के ही वजह से उस पर पुलिस थाने में 8 महीने से मामला नहीं दर्ज किया जा रहा था।यहां तक कि कोर्ट में भी भाईखला पुलिस ने जा कर कहा कि इस मामले में आर.डी.शिंदे ने जांच की है और उन्होंने मामला दर्ज करने से मना किया है।
मामला क्या था
मामला है शेयर सर्टिफिकेट में हेर फेर कर दूसरी एक सोसयाटी में घुसपैठ करने का मामला मुबंई के मज़गांव कोकनी को.आ.सोसायटी का है जहां शिकायतकर्ता सलीम महमूद नेवरेकर खुद इस सोसायटी के सेक्रेटरी हैं और आरोपी द्वारा जिनके शेयर सर्टिफिकेट से छेड़छाड़ की गई है उनके रिश्तेदार भी हैं।निसार इस्माईल वाघू ने अपने आपको आशियाना कंस्ट्रक्शन का पार्टनर बताते हुए रजिस्ट्रार आफिस में शिकायत की है कि मज़गांव कोकनी को.आ.सोसायटी में कोई एडमिनिस्ट्रेटर नहीं है।अपनी शिकायत में वाघू ने मज़गांव कोकनी आशियाना एसआरए सोसायटी का पता बताया है।जबकि शिकायतकर्ता की सोसायटी और यह आरोपी वाघू की सोसायटी नाम के साथ साथ हकीकत में भी अलग अलग हैं।इस शिकायत के बाद मज़गांव कोकनी को.आ.सोसायटी में एडमिनिस्ट्रेटर ओम प्रकाश किशन लाल को नियुक्त किया गया जिसके बाद ओम प्रकाश 2008 में एसआरए को एक पत्र लिखते हैं कि दोनों प्लाट को रिडेवलप करने की अनुमित मांगी और शर्त यह थी अगर एसआरए नहीं होसकता तो वह निजी तौर से डेव्लप कराऐंगे जिसकी उन्होंने इजाज़त मांगी थी।
सोसायटी चुनाव में वाघू की धोखाधड़ी पकड़ी गई
2009 में ओम प्रकाश की मौत हो जाती है जिसके बाद 2010 में सोसायटी चुनाव के समय सोसायटी के लोगों की तब आँख चकाचौंध हुई जब वोटर लिस्ट में आरोपी निसार इस्माईल वाघू का नाम सामने आया।लोगों ने इसकी छानबीन करनी शूरू कर दी जिसके बाद पता चला कि वाघू ने शेयर सर्टिफिकट फर्ज़ी तरीक से बना कर मज़गांव कोकनी को.सोसायटी में खुद को सदस्य बना लिया।इसके बाद वाघु खुद कॉपरेटिव कोर्ट गया और चुनाव को रुकवाने की अर्ज़ी दी जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि चुनाव होने दो आगे की कार्रवाई होते रहेगी।2013 में कॉपरेटिव कोर्ट नें जो शेयर सर्टिफिकेट निसार वाघू ने जमां किया था उसको फर्ज़ी बताया।इसके बाद 2016 में मुंबई के भाईखला पुलिस थाने में इस धोखाधडी की शिकायत की गई लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार करदिया किया।शिकायतकर्ता कहते हैं कि हमने कई बार जांच अधिकारी किशोर शिंदे ने कहा कि इस मामले में आरडी शिंदे ने ताकीद की है कि मामला न दर्ज किया जाए बल्कि जांच के नाम पर टाइम पास करते रहो।इस तरह से जांच के नाम पर पुलिस ने तकरीबन 8 महीनों तक लॉलीपॉप दिया और मामला नहीं दर्ज किया गया।थक हार कर शिकायतकर्ता के वकील ने मुंबई हाईकोर्ट में भाईखला पुलिस और आर.डी.शिंदे के खिलाफ़ आरोपी की मदद करने को लेकर जांच और कार्रवाई की मांग करते हुए याचिका फाइल की।कमाल की बात तो यह है कि हाईकोर्ट में जब भाईखाल के जांच अधिकारी किशोर शिंदे को बुलाया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में आर.डी.शिंदे ने जांच की है इसमें मामला ही नहीं दर्ज हो सकता।जिसके बाद हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता को कहा कि आप निचली अदालत का रुख करें।
कोर्ट के इस आदेश के बाद दिसंबर 2016 में एडोकेट आसिफ़ नक़वी ने शिवड़ी कोर्ट में अपील की जिसके बाद 3 फरवरी 2017 को शिवड़ी कोर्ट ने आर.डी.शिंदे के करीबी निसार इस्माईल वाघू समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया।मामला दर्ज होने के बाद शिकायतकर्ता भाईखला पुलिस थाने से FIR की कॉपी मांग रहे लेकिन जांच अधिकारी किशोर शिंदे ने कहा कि मामला दर्ज होने के बाद से फाइल आर.डी.शिंदे ने मंगा ली है इसलिए FIR की कॉपी भी नहीं दी जाएगी।
दरअसल निसार इस्माईल वाघू और एडिशनल कमिश्नर आर.डी.शिंदे के बहुत की घनिष्ट सम्बंध हैं हर मामलों की तरह आर.डी शिंदे ने इस मामले में भी दखल देनी शूरू की आलम यह रहा कि शिंदे ने खुद मामले में दखल देकर मामला दर्ज करने के साफ साफ इंकार कर दिया।और इस तरह से तकरीबन 8 महीने खराब कर दिए गए जिसके बाद शिकायतकर्ता के वकील आसिफ़ नकवी ने भाईखला पुलिस थाने और आर.डी शिंदे के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की क्योंकि मामला आइने का तरह साफ होते हुए भी पुलिस ने आरोपियों की जमकर हिमायत की जिसके बाद शिकायकर्ता को बड़ी तकलीफों का सामना करना पड़ा क्योंक यहां मुख्य आरोपी के सर पर आर.डी.शिंदे का हाथ था लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार मामला दर्ज करने का आदेश दिया और भाईखला पुलिस थाने ने मजबूरन इस मामले में धोखाधड़ी समेत अपराध की साज़िश रचने के मामले में FIR ( संख्या 51/2017 ) दर्ज की।धोखेबाज़ वाघू की मंशा यह थी कि वह इस तरह से फ़र्ज़ी शेयर सर्टिफिकेट बना कर दूसरों की बिल्डिंग में घुसपैठ कर एडमिनिस्ट्रेटर बन कर बिल्डिंग को डेवलप करा कर मलाई खाए इसलिए सने अपनी ही बिल्डिंग के एक रिश्तेदार के शेयर सर्टिफिकेट मे छेड़ छाड़ कर उसे दूसरी सोसायटी का बना लिया।चूंकि वाघू की आर.डी.शिदे से दोस्ती होने की वजह से भाईखला पुलिस थाने नें उसके खिलाफ़ मामला दर्ज नहीं किया क्योंकि यह आर.डी.शिदे के रीज़न में है लेकिन मामला जैसे ही कोर्ट में गया वहां आर.डी.शिंदे के साथ साथ वाघू को भी मुंह की खानी पड़ी।इस बारे में आर.डी.शिंदे से जब बात की गई कि जिस आरोपी की वह मदद कर रहे थे और उसके खिलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए मना किया था अब तो कोर्ट के आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया है इस बात से शिंदे खिसयान बिलइय्या खंबा नोचने के जैसे बोले कि मेरा कोई दोस्त नहीं है और अब इस बारे में ज़ोनल डीसीपी प्रवीण पटवल जो कि उनके रिश्तेदार हैं वह जानकारी देंगे और फोट काट दिया।शिंदे से उनका पक्ष जानने के लिए फिर फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोट नहीं उठाया।
निसार इस्माईल वाघू पर इससे पहले भी अग्रीपाड़ा पुलिस थाने में इसी तरह के मामले दर्ज हैं।अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने तो मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों को बचाने के लिए एडिशनल कमिश्नर आर.डी.शिंदे जैसे वरिष्ठ अधिकारी की पावर की वजह से शिकायतकर्ता को 8 महीने तक टहलाया गया और आर.डी.शिंदे के ही रीज़न में भाईखला पुलिस थाना है तो ऐसे में जांच कितनी साफ़ सुथरी होगी यह देखने वाली बात होगी।
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4 Comments
Arif S
Shahid Ansari reading your experience make me Surprise that how can such reporter can publish base less information without knowing the facts and forgery done Mr.Salim naverakar and various Chairman residence in same building.As you are talking about the Mazagoan Kokani Co-operative Housing Society residing at Mazaoan is cheating Government Authority itself Sine there no convenec dead made between Bhanselala who actual landlord of the plot where Madina Manzil has been build and registered in the name of Mazagoan Kokani Co-operative Housing Society.Mr Salim navrekar and many others staying in same building as taken the money from residing tenants and made two to three share certificate on one flat.Hope this information will open your eye to drill down the forgery done by Mr.Salim Naverakar and many other staying in same building.Request you to share the your email ids so that all evidence authored by the Government can be share to you so you can Publish truth as mention in your Bibliography above. Also for your information Mr Nisar Ismail Waghu is one of the reputed Citizen which having huge identity in Area but due to Corrupt People residing in same locality will keep misguide to person who doesn’t know the facts
Arif S
I will also like to Highlight that soon we will come to know about one of the Biggest Scam in Mazagoan Wadi Bunder which will get Expose publicly.One of the Goan Builder has build 14th Floor Tower on Custodian (Pakistani) Property which have numerous forged document and Pakistani Stamp doing the money transaction with Pakistani residence without knowledge of Indian Authority.Many New names will be come in front who has taken benefits by getting extra flat in same Custodian Building.So Pls stay tuned on this Post. Thanks.
The Commissioner Mumbai
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