शाहिद अंसारी
मुंबई : मुंबई अंजुमन इस्लाम जो कि मुस्लमानों के लिए सब से अहम और बडे संगठन मे शुमार किया जाता है लेकिन अंजुमन इस्लाम के एक नए कानून की वजह से मुसलमानों में गम और गुस्सा दोनो तेजी से बढ रहा है । अंजुमन इस्लाम सीएसटी पर मौजूद होटल मैनेजमेंट कोर्स के लिए अंजुमन इस्लाम नें विशेष रूप से मुस्लिम क्षात्रों को क्लोज शीव कर क्लास में आने को कहा है और इसके लिए बाकायदा क्लास रूम में क्षात्रों को दाखिल होने से पहले चेक किया जाता है । अगर किसी मुस्लिम क्षात्र नें दाढी रखी है तो उसे क्लास में दाखिल नहीं होने दिया जाता । एक क्षात्र के अभिवावक ने जब सुना तो वह खुद इसकी हकीकत जानने के लिए वहां पहुंच गए तकरीबन एक घंटा क्लास के बाहर खडे होने के बाद जो नजारा उन्होंने देखा वह दंग रह गए उस दौरान एक दूसरे धर्म के क्षात्र के सर पर पगडी और दाढी थी उसे नही रोका गया यह देखकर अभिवावक को बहुत ही दुख हुआ । bombayleaks को बताते हुए अभिवावक ने गम और गुस्सा दिखाते हुए कहा कि हमने तो यह सोच कर अंजुमन इस्लाम जैसे जगह का चयन किया कि यहां कम से कम इस्लामिक माहौल रहेगा लेकिन यहां दाखला लेने के बाद अब पछताना पड रहा है अभिवावक ने कह कि अंजुमन इस्लाम के इस फरमान के बाद उनके बच्चे को रोज दाढी शेव करनी पडती है इस तरह से रोज रोज क्लीन शेव करने में उसकी त्वचा मे जलन पैदा होती है ।
अंजुमन इस्लाम के होटल मनेंजमेंट के प्रास्पेक्टस में जब देखा गया तो वहां के प्रास्पेक्टस में भी क्लोज शेव के बारे मे लिखा है और उसका सख्ती से पालन करने के लिए भी कहा गया है । इस बारे में मौलाना मुईन मियां ने कहा कि यह जमहूरियत के खिलाफ है और इस तरह से अगर कोई इस्लामिक संस्था करती है तो अफसोस की बात है । मुफ्ती अशफाक काजी (दारुल इफ्ता ) ने bombayleaks से बात करते हुए कहा कि अगर तालीम के मामले में एक मुस्लिम के साथ इस तरह का रवय्या और एक दूसरी कम्युनिटी के छात्र को इससे दूर रखा जाता है तो यह सरासर मुस्लिम छात्रों को परेशान करने की कोशिश की जारही है और अगर यह हरकत अंजुमन इस्लाम जैसा इदारा करता है तो यह अफसोस और शर्म की बात है ।
वहीं रजा अकैडमी ने इसपर कडा रुख जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह हरकत करने वाले को इस्लामिक संस्था हम कैसे कह सकते है यह तो सरासर धार्मिक मालों मे दखल अंदाजी है हम इसकी सख्त मजम्मत करते हैं । मौलाना लुकमान नदवी ने कहा कि हमारा देश आजाद और सेक्युलर है इस देश ने हर एक को आजादी दी है । अगर किसी क्षात्र को दाढी के लिए दखल दिया जारहा है तो यह आजादी के खिलाफ है ऐसा करने वाले मुजरिम हैं उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए हर एक को देश के कानून का ख्याल रखते हुए अपने धर्म का पालन करना चाहिए। सिखों की दाढी और पगड़ी को धर्म के साथ जोडा गया है इसले वह बेखौफ हैं उनको कोई नहीं छेडता मुसलमानों को बेखौफ होकर इस्लामी हुक्म मान कर दाढी रखना होगा ।
सीनियर वकील एजाज नक्वी ने कहा कि इस तरह के आदेश पारित करने वालों के खिलाफ स्थानी पुलिस थाने में धारा 295,296 के तहेत एफआईआर का प्रवाधान है कोई भी शख्स संस्था के खिलाफ स्थानी पुलिस थाने मे जाकर शिकायत कर एफआईआ दर्ज करवा सकता है ।
अंजुमन इस्लाम का यह कोई पहला मामला नहीं इससे पहले भी अंजुमन इस्लाम नें क्षात्रों को दिए जाने वाले कलेंडर पर सलमान रुशदी को हीरो बना कर पेश किया था । लेकिन लोगों के विरोध करने के बाद अंजुमन ने अपने इस कलेंडर में सलमान रुशदी का पेज निकाल दिया था । अब इस मामले के बाद देखना होगा कि क्या अंजुमन अपने इस फैसले पर कायम रहता है या लोगों के विरोध का इंतेजार करेगा ।
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