शाहिद अंसारी
पूणे:महाराष्ट्र के पूणे (ग्रामीण) इलाके के 47 पुलिस वालों को सीक लीव लेना उस वक्त भारी पड़ गया जब पूणे (ग्रामीण) एस.पी ने उनकी इस छुट्टी को लेकर तुग़लक़ी फ़रमान जारी कर दिया।इस फ़रमान में पूणे ग्रामीण के कार्यालय से एस.पी.अशोक परदेशी नाम के पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन सारे पुलिस वालों के वेतन काटे जाऐंगे जब तक उन्होंने सीक लीव ली हैं जिसकी कॉपी Bombay Leaks के पास मौजूद है।इस फरमान के जारी होने के बाद पुलिस वलों के अंदर एस.पी को लेकर विरोध के स्वर गुंज रहे हैं।आशंका जताई जा रही है कि जिन 47 पुलिस वालों के खिलाफ़ एस.पी ने यह फ़रमान जारी किया है उस में कुछ पुलिसकर्मी इस गैर क़ानूनी और तुग़लक़ी फ़रमान को ले कर मैट का दरवाज़ा खटखटाने वाले हैं।
5 अगस्त को पूणे ग्रामीण के एस.पी ने दो पेज के इस आदेश के ज़रिए 47 पुलिस वालों के नाम जारी किए जो पूणे ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत हैं।इन में बारामती,लतेगांव,लोनावला,समेत 20 इलाकों की विभिन्न शाखाओं मे कार्यरत पुलिसकर्मी हैं जिन में पुलिस इंस्पेक्टर,हवलदार,सिपाही रैंक के लोग शामिल हैं। पुलिस विभाग में अक्सर बड़े अधिकारी अपनी पावर का दुरपयोग कर के पुलिस कर्मियों पर इस तरह के मन चाहे और तुगलक़ी फ़रमान जारी करते रहते हैं यहीं वजह है कि परिष्ठ अधिकारियों को लेकर छोटे पद के पुलिस कर्मियों के मन मोटाव रहता है।
इस बारे में पूर्व आईपीएस अधिकारी वाई.पी सिहं से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगहर छुट्टी किसी की सेंक्शन नहीं की गई और प्रक्रिया के मुताबिक उन्होंने बीमारी की छुट्टी नहीं ली तो उन पर कार्रवाई का प्रावधान हैं लेकिन उनका वेतन काटा जाए ऐसा आदेश अगर एस.पी की ओर से दिया जाता है तो यह गैर क़ानूनी है।
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